Sunday, 4 May 2014

केसर एक गुण अनेक

केसर





केसर एक सुगंध देने वाला पौधा है। इसके पुष्प को हिन्दी में केसर, उर्दू में जाफरान और अंग्रेजी में सैफरॉन कहते हैं। पतली बाली सरीखा केसर 15-25 सेंटीमीटर ऊंचा होता है। पत्तियां संकरी, लंबी और नालीदार होती हैं। इनके बीच से पुष्पदंड निकलता है, जिस पर पुष्प होते हैं। इसका उपयोग मक्खन आदि खाद्य पदाथों में रंग एवं स्वाद लाने के लिए किया जाता है। चिकित्सा में यह उष्णवीर्य, उत्तेजक, पाचक, वात-कफ नाशक मानी गयी है। इस कारण इसका उपयोग कई तकलीफों में किया जाता है। आयुर्वेदिक नुस्खें, खाद्य व्यंजनों, देव पूजा आदि में तो केसर का उपयोग सालों से होता आ रहा है।

यह उत्तेजक, वाजीकारक, यौनशक्ति वर्धक, त्रिदोष नाशक, वातशूल शमन करने वाली है। इतना ही नहीं, यह मासिक धर्म ठीक करने वाली, त्वचा को निखारने वाली, रक्तशोधक, प्रदर और निम्न रक्तचाप को ठीक करने वाली भी है। कफ का नाश करने, मन को प्रसन्न रखने, मस्तिष्क को बल देने वाली, ह्वदय और रक्त के लिए हितकारी भी है। इसका उपयोग आयरूवेद और यूनानी नुस्खों में भी किया जाता है।

महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द को दूर करने के लिए 2-2 रत्ती केसर दूध में घोलकर दिन में तीन बार देना फायदेमंद होता है। बच्चों को सर्दी, जुकाम, बुखार होने पर केसर की एक पंखु़डी पानी में घोंटकर इसका लेप छाती, पीठ और गले पर लगाने से आराम होता है। चंदन को केसर के साथ घिसकर इसका लेप माथे पर लगाने से सिर, आंख और मस्तिष्क को शीतलता, शांति और ऊर्जा मिलती है।

इससे नाक से रक्त का गिरना बंद हो जाता है और सिर दर्द जल्द दूर होता है। बच्चे को सर्दी हो तो केसर की 1-2 पंखु़डी 2-4 बूंद दूध के साथ अच्छी तरह घोंटें ताकि केसर दूध में घुल जाए। इसे एक चम्मच दूध में मिलाकर बच्चे को सुबह-शाम पिलाएं। इससे उसे काफी लाभ होगा। माथे, नाक, छाती व पीठ पर लगाने के लिए केसर, जायफल व लौंग का लेप पानी में बनाएं और रात को सोते समय इसका लेप करें। केसर दूध पौरूष व कांतिवर्धक होता है। ज़ाडे में गर्म व गर्मी में ठंडे दूध के साथ केसर के उपयोग की सलाह दी जाती है। चोट लगने पर या त्वचा के झुलस जाने पर केसर का लेप लगाने से आराम मिलता है। पेट से जु़डी अनेक परेशानियां, जैसे अपच, दर्द, वायु विकार आदि में केसर काफी उपयोगी साबित होती है। संतान गोरी चाहिएक् आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में केसर का विशेष महत्व है। कई अध्ययनों से पता चला है कि गर्भवती महिला को प्रतिदिन दूध में केसर घोलकर पिलाने से जन्म लेने वाले शिशु का रंग गोरा होता है।

इतना ही नहीं, यदि मां गर्भावस्था के दौरान केसर का सेवन करती है तो इससे उसका होने वाला बच्चा तंदुरूस्त होता है और कई तरह की बीमारियों से बचा रहता है। कई बार नवजात शिशु को सर्दी जक़ड लेती है। इससे कभी-कभी उसकी नाक भी बंद हो जाती है जिससे बच्चा मुंह से सांस लेने लगता है और हकलाने लगता है। ऎसी स्थिति में मां के दूध में केसर मिलाकर बच्चे के सिर और नाक पर मलें। इससे बच्चे को काफी आराम मिलता है और उसकी बेचैनी कम हो जाती है।








 केसर बहुत ही उपयोगी गुणों से युक्त होती है। 

केसर उत्तेजक, वाजीकारक, यौनशक्ति बनाए रखने वाली होती है।

आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार नियमित रूप से, अल्प मात्रा में ग्रहण करने पर यह त्रि-दोषों (वात, पित्त व कफ) से निजात दिलाता है।

 इसका स्वभाव गर्म होता है।

 अत: औषधि के रूप में 250 मिलिग्राम व खाद्य के रूप में 100 मिलिग्राम से अधिक मात्रा में इसके सेवन की सलाह नहीं दी जाती। 

 यह एक कामशक्ति बढ़ाने वाला रसायन है। अत: इसका उपयोग बाजीकरण के लिए भी किया जाता है। 

कई अन्य बीमारियों के इलाज में भी इसका उपयोग किया जाता है।

 महिलाओं की कुछ बीमारियों में यह रामबाण साबित होता है। बच्चे के जन्म के बाद गर्भाशय की सफाई के लिए कुछ दिनों तक इसका नियमित सेवन करना बहुत अच्छा रहता है। 

माहवारी के दौरान दर्द, अनियमितता व गड़बड़ी से निजात के लिए यह एक अच्छी औषधि है।
 
त्रिदोष नाशक, रुचिकर, मासिक धर्म साफ लाने वाली, गर्भाशय व योनि संकोचन जैसे रोगों को भी दूर करती है।

  त्वचा का रंग उज्ज्वल करने वाली, रक्तशोधक, धातु पौष्टिक, प्रदर और निम्न रक्तचाप को ठीक करने वाली, कफ नाशक, मन को प्रसन्न करने वाली रंगीन और सुगन्धित करने वाली होती है। 
अगर सर्दी लग गई हो तो रात्रि में एक गिलास दूध में एक चुटकी केसर और एक चम्मच शहद डालकर यदि मरीज को पिलाया जाए तो उसे अच्छी नींद आती है।

त्वचा रोग होने पर खरोंच और जख्मों पर केसर लगाने से जख्म जल्दी भरते हैं।

 शिशुओं को अगर सर्दी जकड़ ले और नाक बंद हो जाये तो मां के दूध में केसर मिलाकर उसके माथे और नाक पर मला जाये तो सर्दी का प्रकोप कम होता है और उसे आराम मिलता है।   
गंजे लोगों के लिये तो यह संजीवनी बूटी की तरह कारगर है।
 जिनके बाल बीच से उड़ जाते हैं, उन्हें थोड़ी सी मुलहठी को दूध में पीस लेना चाहिए। 
तत्पश्चात् उसमें चुटकी भर केसर डाल कर उसका पेस्ट बनाकर सोते समय सिर में लगाने से गंजेपन की समस्या दूर होती है।रूसी की समस्या हो या फिर बाल झड़ रहे हों, ऐसी स्थिति में भी उपरोक्त फार्मूला अपनाना चाहिए। 
पुरुषों में वीर्य शक्ति बढ़ाने हेतु शहद, बादाम और केसर लेने से फायदा होता है।

  बिना एक्सरसाइज हो जाएं स्लिम-ट्रिम, देसी इलाज करें अरंडी के पत्तों से  अगर आप बढ़ते मोटापे से परेशान हैं और एक्सरसाइज के लिए टाइम नहीं निकाल पाते हैं तो टेंशन न लें।

 आप बढ़ते मोटापे को रोक सकते हैं वो भी देसी इलाज से। 

हींग

हींग





हींग और गुड़ का असरदार ये प्रयोग कर देगा गैस और एसीडिटी की छुट्टी  कहते हैं अगर हींग का सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह कई बीमारियों की दुश्मन है। वैद्यों का मानना है कि हींग को हमेशा भूनकर उपयोग में लाना चाहिए।    


-एक कप गर्म पानी में एक चम्मच हींग का पाउडर घोलें। इस घोल में सूती कपड़े को भिगोकर पेट के उस हिस्से की सिकाई करें जहां दर्द हो रहा है। थोड़ी ही देर में दर्द से राहत मिलेगी।
   
 - हींग में जरा सा कपूर मिलाकर दर्द वाले स्थान पर लगाने से दांत दर्द बंद हो जाता है । 

   
- भुनी हुई हींग , काली मिर्च ,पीपल काला नमक समान मात्रा में लेकर पीस लें। रोजाना चौथाई चम्मच यह चूर्ण गर्म पानी से सेवन करें।

 पेट से जुड़ी सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी।  


  - एक ग्राम हींग ,पीसी हुई दस काली मिर्च ,दस ग्राम गुड में सबको मिलाकर सुबह शाम खाएं।
  - पांच ग्राम भुनी हुई हींग, चार चम्मच अजवाइन, दस मुनक्का, थोड़ा काला नमक सबको कूट पीसकर चौथाई चममच तीन बार नित्य लेने से ,उल्टी होना ,जी मिचलाना ठीक हो जाता है।    
- अदरक की गांठ में छेद करके इसमें जरा सा हींग डालकर काला नमक भर कर ,खाने वाले पान के पत्ते में लपेटकर धागा बांध कर गीली मिटटी का लेप कर दें।
 इसे आग में डाल कर जला लें ,जल जाने पर पीसकर मूंगफली के दाने के बराबर आकार की गोलियां बना लें।
 एक एक गोली दिन में चार बार चूसें। पेट की प्राब्लम्स में जल्द ही आराम मिलेगा।    
- पैर फटने पर नीम के तेल में हींग डालकर लगाने से आराम मिलता है।   
 - थोड़ी सी हींग को गुड़ में लपेटकर गरम पानी से लें। 
गैस व एसीडिटी का पेट दर्द ठीक हो जायेगा।    
- दांत दर्द में अफीम और हींग का फाहा रखें तो आराम मिलता है।   
 - हींग को पानी में घोलकर लेप बनाकर उस पर लगाने से चर्म रोग में आराम मिलता है।
  आयुर्वेदिक टिप्स: 
ऐसे दिन शुरू करेंगे तो ठंड से बचे रहेंगे  क्या बच्चे क्या जवान और बुजुर्ग,....ठण्ड सभी की दिनचर्या को थोड़ा बहुत तो प्रभावित तो करती ही है! आइये हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताते हैं जिनसे ठण्ड में आप रोगों से बच सकेंगे।  
-दिन की शुरुआत शहद और काली मिर्च के इस मिश्रण  से करें : सात काली मिर्च के दानों को पीसकर एक चम्मच शहद  के साथ 108 बार घडी की सुई की दिशा में घुमाएं और लें .....। 
 -इस मिश्रण को लेने के बाद  आधी कली लहसुन को गुनगुने पानी के साथ चबाकर निगल लें। 
 -दिन में तीन से चार बार निम्न घरेलु द्रव्यों से बनी चाय को लें :-मेथी एक चम्मच,सात काली मिर्च औए एक चम्मच ताजा कुटा हुआ अदरख इन सबको दो कप पानी में उबाल लें और एक कप रहने पर अपनी आवश्यकता अनुसार शक्कर मिलाकर चाय बनाकर लें। 
 - जाड़ों में जितना हो सके भोजन नियमित अंतराल पर लें ,लेकिन खट्टे,एवं ठंडी तासीर वाले चीजों को लेने से परहेज करें।  -सिगड़ी या हीटर  को अपने नजदीक रखें,इसकी ताप आपको ठण्ड से बचाएगी । 
 -शरीर को जहां तक हो सके कपड़ों से पूरा ढककर रखें। 
 - इस ऋतु में कफ का संचय होता है, जो एक स्वाभाविक प्रक्रिया है अत: संचित दोष को साम्य में रखने हेतु व्यायाम,वमन,कुंजल आदि क्रियाएं आगे आनेवाली वसंत ऋतु में आपको कफ  के प्रकोप से होने वाली बीमारियों से बचाएगी।

9 Surprising Health Benefits of Tomatoes

Tomatoes! They’re sweet, juicy, and delicious. Everyone knows they are good for you, right? Uh, yeah, sure. Does everyone know specifically why tomatoes are a healthful food? Ummm… They have vitamin C? They’re low in calories? They’re fat-free? Yes, yes, and yes, but that’s not all!
Let’s look at what makes the tomato an excellent healthy choice.



Tomatoes 101

One serving of red, ripe, raw tomatoes (one cup or 150 grams) is a good source of Vitamins A, C, K, folate and potassium. Tomatoes are naturally low in sodium, saturated fat, cholesterol, and calories. Tomatoes also provide thiamin, niacin, vitamin B6, magnesium, phosphorus and copper, all of which are necessary for good health.
On top of that, one serving of tomatoes gives you 2 grams of fiber, which is 7% of the daily recommended amount. Tomatoes also have a relatively high water content, which makes them a filling food. In general eating plenty of fruits and vegetables, including tomatoes, confers protection against high blood pressure, high cholesterol, strokes, and heart disease.

Healthy Skin

Tomatoes make your skin look great. Beta-carotene, also found in carrots and sweet potatoes, helps protect skin against sun damage. Tomatoes’ lycopene also makes skin less sensitive to UV light damage, a leading cause of fine lines and wrinkles.

Strong Bones

Tomatoes build strong bones.The vitamin K and calcium in tomatoes are both very good for strengthening and repairing bones.
Lycopene also has been shown to improve bone mass, which is a great way to fight osteoporosis.

ANJEER अंजीर के लाभदायक गुण, अंजीर से गैस और एसीडिटी से भी राहत मिलती है Health Benefits of Figs or Anjeer..DO READ AMAZING FACTS

अंजीर

Health Benefits of Figs or Anjeer……..Figs are low in fat and sugar figs …BUT…. also result in weight gain, especially when consumed with milk.
The health benefits of figs or anjeer include treatment of , constipation, indigestion, piles, diabetes, cough, bronchitis, sexual weakness, and asthma. It also helps in gaining weight after illness.
Figs are seasonal fruits that are found in the western parts of Asia. However, dried figs are always available. The figs tree is a member of mulberry family.
Health benefits of figs can be attributed to the presence of minerals, vitamins and fibre in them. Figs contain vitamin A, vitamin B1, vitamin B2, calcium, iron, phosphorus, manganese, sodium, potassium and chlorine.
A few of its health benefits include:
Prevent constipation: There are 5 grams of fiber per three-fig serving. So, it helps in healthy bowel function and prevents constipation.
Weight loss: The fiber in figs also helps to reduce weight and is recommended for obese people.
Take care – figs also result in weight gain, especially when consumed with milk.
Lower cholesterol: Figs contain Pectin, a soluble fiber. When fiber goes through the digestive system, it mops up globes of cholesterol and carries them out of body.
Prevent coronary heart disease: Dried figs contain phenol, Omega-3 and Omega-6. These fatty acids reduce the risk of coronary heart disease.
Prevent colon cancer: The presence of fiber helps to mop up and usher out cancer causing substances.
Protection against post-menopausal breast cancer: Fiber content in figs give protection against breast cancer.
Good for diabetic patients: The American Diabetes Association recommends figs for a high fiber treat. Fig leaves reduce the amount of insulin needed by diabetic patients who have to take insulin injection. Fig is rich in Potassium. Potassium helps to control blood sugar. Fig leaves have anti-diabetic properties
Prevention of hypertension: People used to take more sodium in the form of salt. Low potassium and high sodium level may lead to hypertension. Figs are high in potassium but low in sodium. So, it helps to avoid hypertension.
Sexual weakness: Figs are known since ages for reducing sexual weakness. Soak 2-3 figs in milk overnight and eat them in the morning to enhance your sexual power. It also helps in gaining weight.
Strengthens bones: Figs are rich in Calcium. Calcium helps to strengthen bones.
Urinary calcium loss: People having high salt diet may be affected by increased
urinary calcium loss. Potassium content in figs helps to avoid that.
Prevent macular degeneration: Vision loss in older people is due to macular degeneration.
Fruits and figs generally are good for avoiding this condition.
Relief for throat: The high mucilage content in figs, helps to heal and protect sore throats.
Figs are quite useful in various respiratory disorders including whooping cough and asthma. Since they are also good for digestion, they help in treating constipation, indigestion, stomach ache, etc. Figs are also good for fever, earache, boils, abscesses, venereal diseases and is excellent for the liver.
Fig is a highly alkaline food, therefore helps to regulate the pH of the body. Figs are rich in flavonoids and polyphenols. These are antioxidants, which prevent the damage caused by free radicals. Fig is known for its soothing and laxative properties.
Figs are low in fat and sugar.
Figs are sweet and soft and their paste is used as a replacement for sugar. Processed figs are used to make pies, pudding, cakes, other bakery products, jam, jellies and preserves.
Precaution: Taking too much fig can cause diarrhea. Dried figs are high in sugar and might cause tooth decay.
 



 


  




अंजीर एक ऐसा फल है जो जितना मीठा है। उतना ही लाभदायक भी है।अंजीर के सूखे फल बहुत गुणकारी होते हैं। अंजीर खाने से कब्ज दूर हो जाती है। गैस और एसीडिटी से भी राहत मिलती है। साधारण कब्ज में गरम दूध में सूखे अंजीर उबाल कर सेवन से सुबह दस्त साफ होता है। इससे कफ बाहर आ जाता है। सूखे अंजीर को उबाल कर बारीक पीस कर गले की सुजन या गांठ पर बांधी जाए तो लाभ पहुंचता है। ताजे अंजीर खा कर साथ दूध का सेवन करना शक्तिवर्धक होता है। डायबिटीज के रोगी को अंजीर से
लाभ पहुंचता है।

खून की खराबी में सूखे अंजीर को दूध और मिश्री के साथ लगातार हफ्ते भर सेवन करने से लाभ होता है। अंजीर खाकर ऊपर से दूध पीना अत्यंत शक्तिवर्धक एवं वीर्यवर्धक होता है। खून की खराबी में सूखे अंजीर को दूध एवं मिश्री के साथ लगातार एक सप्ताह सेवन करने से खून के विकार नष्ट हो जाते हैं।
मधुमेह रोग में अन्य फलों की तुलना में अंजीर का सेवन विशेष लाभकारी होता है। किसी प्रकार का बाह्य पदार्थ यदि पेट में चला जाए तो उसे निकालने के लिए अंजीर को अधिक मात्रा में सेवन करना उपयोगी होता है। अस्थमा की बीमारी में प्रात:काल सूखे अंजीर का सेवन पथ्यकारी है। अस्थमा की बीमारी में रोज सुबह सूखे अंजीर का प्रयोग लाभ देता है। अंजीर कफ को जमने से भी रोकता है।
किसी भी प्रकार के बुखार में अंजीर का सेवन लाभदायक होता हैं। यह भी बताना हितकर होगा की किसी भी औषधि का सेवन वैद्य के मार्गदर्शन में ही करना लाभप्रद होता है। बिना जानकारी के स्वयं प्रयोग अहितकारी होता है। अंजीर में कैल्शियम बहुत होता है, जो हड्डियों को मजबूत करने में सहायक होता है। कम पोटैशियम और अधिक सोडियम लेवल के कारण हाइपरटेंशन की समस्या पैदा हो जाती है। अंजीर में पोटैशियम ज्यादा होता है और सोडियम कम होता है इसलिए यह हाइपरटेंशन की समस्या होने से बचाता है।दो अंजीर को बीच से आधा काटकर एक ग्लास पानी में रात भर के लिए भिगो दें सुबह उसका पानी पीने से अंजीर खाने से रक्त संचार बढ़ता है।
विभिन्न रोगों में अंजीर से उपचार:
1 कब्ज:- *3 से 4 पके अंजीर दूध में उबालकर रात्रि में सोने से पूर्व खाएं और ऊपर से उसी दूध का सेवन करें। इससे कब्ज और बवासीर में लाभ होता है।
*माजून अंजीर 10 ग्राम को सोने से पहले लेने से कब्ज़ में लाभ होता है।
*अंजीर 5 से 6 पीस को 250 मिलीलीटर पानी में उबाल लें, पानी को छानकर पीने से कब्ज (कोष्ठबद्धता) में राहत मिलती है।
*2अंजीर को रात को पानी में भिगोकर सुबह चबाकर खाकर ऊपर से पानी पीने पेट साफ हो जाता है।
*अंजीर के 4 दाने रात को सोते समय पानी में डालकर रख दें। सुबह उन दानों को थोड़ा सा मसलकर जल पीने से अस्थमा में बहुत लाभ मिलता है तथा इससे कब्ज भी नष्ट हो जाती है।
*स्थायी रूप से रहने वाली कब्ज अंजीर खाते रहने से दूर हो जाती है। अंजीर के 2 से 4 फल खाने से दस्त आते हैं। खाते समय ध्यान रहे कि इसमें से निकलने वाला दूध त्वचा पर न लगने पाये क्योंकि यह दूध जलन और चेचक पैदा कर सकता है।
*खाना खाते समय अंजीर के साथ शहद का प्रयोग करने से कब्ज की शिकायत नहीं रहती है।”
2 दमा :- *दमा जिसमें कफ (बलगम) निकलता हो उसमें अंजीर खाना लाभकारी है। इससे कफ बाहर आ जाता है तथा रोगी को शीघ्र ही आराम भी मिलता है।
*प्रतिदिन थोड़े-थोड़े अंजीर खाने से पुरानी कब्जियत में मल साफ और नियमित आता है। 2 से 4 सूखे अंजीर सुबह-शाम दूध में गर्म करके खाने से कफ की मात्रा घटती है, शरीर में नई शक्ति आती है और दमा (अस्थमा) रोग मिटता है।”
3 प्यास की अधिकता :- बार-बार प्यास लगने पर अंजीर का सेवन करें।
4 मुंह के छाले :- अंजीर का रस मुंह के छालों पर लगाने से आराम मिलता है।
5 प्रदर रोग :- अंजीर का रस 2 चम्मच शहद के साथ प्रतिदिन सेवन करने से दोनों प्रकार के प्रदर रोग नष्ट हो जाते हैं।
6 दांतों का दर्द :- *अंजीर का दूध रुई में भिगोकर दुखते दांत पर रखकर दबाएं।
*अंजीर के पौधे से दूध निकालकर उस दूध में रुई भिगोकर सड़ने वाले दांतों के नीचे रखने से दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं तथा दांतों का दर्द मिट जाता है।”
7 पेशाब का अधिक आना :- 3-4 अंजीर खाकर, 10 ग्राम काले तिल चबाने से यह कष्ट दूर होता है।
8 त्वचा के विभिन्न रोग :- *कच्चे अंजीर का दूध समस्त त्वचा सम्बंधी रोगों में लगाना लाभदायक होता है।
*अंजीर का दूध लगाने से दिनाय (खुजली युक्त फुंसी) और दाद मिट जाते हैं। बादाम और छुहारे के साथ अंजीर को खाने से दाद, दिनाय (खुजली युक्त फुंसी) और चमड़ी के सारे रोग ठीक हो जाते है।”
9 दुर्बलता (कमजोरी) :- *पके अंजीर को बराबर की मात्रा में सौंफ के साथ चबा-चबाकर सेवन करें। इसका सेवन 40 दिनों तक नियमित करने से शारीरिक दुर्बलता दूर हो जाती है।
*अंजीर को दूध में उबालकर-उबाला हुआ अंजीर खाकर वही दूध पीने से शक्ति में वृद्धि होती है तथा खून भी बढ़ता है।”
10 रक्तवृद्धि और शुद्धि हेतु :- 10 मुनक्के और 5 अंजीर 200 मिलीलीटर दूध में उबालकर खा लें। फिर ऊपर से उसी दूध का सेवन करें। इससे रक्तविकार दूर हो जाता है।
11 पेचिश और दस्त :- अंजीर का काढ़ा 3 बार पिलाएं।
12 ताकत को बढ़ाने वाला :- सूखे अंजीर के टुकड़े और छिली हुई बादाम गर्म पानी में उबालें। इसे सुखाकर इसमें दानेदार शक्कर, पिसी इलायची, केसर, चिरौंजी, पिस्ता और बादाम बराबर मात्रा में मिलाकर 8दिन तक गाय के घी में पड़ा रहने दें। बाद में रोजाना सुबह 20 ग्राम तक सेवन करें। छोटे बालकों की शक्तिक्षीण के लिए यह औषधि बड़ी हितकारी है।
13 जीभ की सूजन :- सूखे अंजीर का काढ़ा बनाकर उसका लेप करने से गले और जीभ की सूजन पर लाभ होता है।
14 पुल्टिश :- ताजे अंजीर कूटकर, फोड़े आदि पर बांधने से शीघ्र आराम होता है।
15 दस्त साफ लाने के लिए :- दो सूखे अंजीर सोने से पहले खाकर ऊपर से पानी पीना चाहिए। इससे सुबह साफ दस्त होता है।
16 क्षय यानी टी.बी के रोग :- इस रोग में अंजीर खाना चाहिए। अंजीर से शरीर में खून बढ़ता है। अंजीर की जड़ और डालियों की छाल का उपयोग औषधि के रूप में होता है। खाने के लिए 2 से 4 अंजीर का प्रयोग कर सकते हैं।
17 फोड़े-फुंसी :- अंजीर की पुल्टिस बनाकर फोड़ों पर बांधने से यह फोड़ों को पकाती है।
18 गिल्टी :- अंजीर को चटनी की तरह पीसकर गर्म करके पुल्टिस बनाएं। 2-2 घंटे के अन्तराल से इस प्रकार नई पुल्टिश बनाकर बांधने से `बद´ की वेदना भी शांत होती है एवं गिल्टी जल्दी पक जाती है।
19 सफेद कुष्ठ (सफेद दाग) :- *अंजीर के पेड़ की छाल को पानी के साथ पीस लें, फिर उसमें 4 गुना घी डालकर गर्म करें। इसे हरताल की भस्म के साथ सेवन करने से श्वेत कुष्ठ मिटता है।
*अंजीर के कच्चे फलों से दूध निकालकर सफेद दागों पर लगातार 4 महीने तक लगाने से यह दाग मिट जाते हैं।
*अंजीर के पत्तों का रस श्वेत कुष्ठ (सफेद दाग) पर सुबह और शाम को लगाने से लाभ होता है।
*अंजीर को घिसकर नींबू के रस में मिलाकर सफेद दाग पर लगाने से लाभ होता है।”
20 गले के भीतर की सूजन :- सूखे अंजीर को पानी में उबालकर लेप करने से गले के भीतर की सूजन मिटती है।
21 श्वासरोग :- अंजीर और गोरख इमली (जंगल जलेबी) 5-5 ग्राम एकत्रकर प्रतिदिन सुबह को सेवन करने से हृदयावरोध (दिल की धड़कन का अवरोध) तथा श्वासरोग का कष्ट दूर होता है।
22 शरीर की गर्मी :- पका हुआ अंजीर लेकर, छीलकर उसके आमने-सामने दो चीरे लगाएं। इन चीरों में शक्कर भरकर रात को ओस में रख दें। इस प्रकार के अंजीर को 15 दिनों तक रोज सुबह खाने से शरीर की गर्मी निकल जाती है और रक्तवृद्धि होती है।
23 जुकाम :- पानी में 5 अंजीर को डालकर उबाल लें और इसे छानकर इस पानी को गर्म-गर्म सुबह और शाम को पीने से जुकाम में लाभ होता है।
24 फेफड़ों के रोग :- फेफड़ों के रोगों में पांच अंजीर एक गिलास पानी में उबालकर छानकर सुबह-शाम पीना चाहिए।
25 मसूढ़ों से खून का आना :- अंजीर को पानी में उबालकर इस पानी से रोजाना दो बार कुल्ला करें। इससे मसूढ़ों से आने वाला खून बंद हो जाता है तथा मुंह से दुर्गन्ध आना बंद हो जाती है।
26 तिल्ली (प्लीहा) के रोग में :- अंजीर 20 ग्राम को सिरके में डुबोकर सुबह और शाम रोजाना खाने से तिल्ली ठीक हो जाती है।
27 खांसी :- *अंजीर का सेवन करने से सूखी खांसी दूर हो जाती है। अंजीर पुरानी खांसी वाले रोगी को लाभ पहुंचाता है क्योंकि यह बलगम को पतला करके बाहर निकालता रहता है।
*2अंजीर के फलों को पुदीने के साथ खाने से सीने पर जमा हुआ कफ धीरे-धीरे निकल जाएगा।
*पके अंजीर का काढ़ा पीने से खांसी दूर हो जाती है।”
28 गुदा चिरना :- सूखा अंजीर 350 ग्राम, पीपल का फल 170 ग्राम, निशोथ 87.5 ग्राम, सौंफ 87.5 ग्राम, कुटकी 87.5 ग्राम और पुनर्नवा 87.5 ग्राम। इन सब को मिलाकर कूट लें और कूटे हुए मिश्रण के कुल वजन का 3 गुने पानी के साथ उबालें। एक चौथाई पानी बच जाने पर इसमें 720 ग्राम चीनी डालकर शर्बत बना लें। यह शर्बत 1 से 2 चम्मच प्रतिदिन सुबह-शाम पीयें।
29 बवासीर (अर्श) :- *सूखे अंजीर के 3-4 दाने को शाम के समय जल में डालकर रख दें। सुबह उन अंजीरों को मसलकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट खाने से अर्श (बवासीर) रोग दूर होता है।
*अंजीर को गुलकन्द के साथ रोज सुबह खाली पेट खाने से शौच के समय पैखाना (मल) आसानी से होता है।”
30 कमर दर्द :- अंजीर की छाल, सोंठ, धनियां सब बराबर लें और कूटकर रात को पानी में भिगो दें। सुबह इसके बचे रस को छानकर पिला दें। इससे कमर दर्द में लाभ होता है।
31 आंवयुक्त पेचिश :- पेचिश तथा आवंयुक्त दस्तों में अंजीर का काढ़ा बनाकर पीने से रोगी को लाभ होता है।
32 अग्निमान्द्य (अपच) होने पर :- अंजीर को सिरके में भिगोकर खाने से भूख न लगना और अफारा दूर हो जाता है।
33 प्रसव के समय की पीड़ा :- प्रसव के समय में 15-20 दिन तक रोज दो अंजीर दूध के साथ खाने से लाभ होता है।
34 बच्चों का यकृत (जिगर) बढ़ना :- 4-5 अंजीर, गन्ने के रस के सिरके में गलने के लिए डाल दें। 4-5 दिन बाद उनको निकालकर 1 अंजीर सुबह-शाम बच्चे को देने से यकृत रोग की बीमारी से आराम मिलता है।
35 फोड़ा (सिर का फोड़ा) :- फोड़ों और उसकी गांठों पर सूखे अंजीर या हरे अंजीर को पीसकर पानी में औटाकर गुनगुना करके लगाने से फोड़ों की सूजन और फोड़े ठीक हो जाते हैं।
36 दाद :- अंजीर का दूध लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
37 सिर का दर्द :- सिरके या पानी में अंजीर के पेड़ की छाल की भस्म मिलाकर सिर पर लेप करने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
38 सर्दी (जाड़ा) अधिक लगना :- लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में अंजीर को खिलाने से सर्दी या शीत के कारण होने वाले हृदय और दिमाग के रोगों में बहुत ज्यादा फायदा मिलता है।
39 खून और वीर्यवद्धक :- *सूखे अंजीर के टुकड़ों एवं बादाम के गर्भ को गर्म पानी में भिगोकर रख दें फिर ऊपर से छिलके निकालकर सुखा दें। उसमें मिश्री, इलायची के दानों की बुकनी, केसर, चिरौंजी, पिस्ते और बलदाने कूटकर डालें और गाय के घी में 8 दिन तक भिगोकर रखें। यह मिश्रण प्रतिदिन लगभग 20 ग्राम की मात्रा में खाने से कमजोर शक्ति वालों के खून और वीर्य में वृद्धि होती है।
*एक सूखा अंजीर और 5-10 बादाम को दूध में डालकर उबालें। इसमें थोड़ी चीनी डालकर प्रतिदिन सुबह पीने से खून साफ होता है, गर्मी शांत होती है, पेट साफ होता है, कब्ज मिटती है और शरीर बलवान बनता है।
*अंजीर को अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर शक्तिशाली होता है, और मनुष्य के संभोग करने की क्षमता भी बढ़ती है।
अंजीर अपने खट्टे-मीठे स्वाद के लिए प्रसिद्ध अंजीर एक स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक और बहु उपयोगी फल है।अंजीर कई प्रकार का होता है जिसमें से कुछ इस प्रकार के हैं।वैज्ञानिकों के अनुसार अंजीर कि इसके सूखे फल में कार्बोहाइड्रेट (शर्करा) 63 प्रतिशत, प्रोटीन 5.5 प्रतिशत, सेल्यूलोज 7.3 प्रतिशत, चिकनाई एक प्रतिशत, खनिज लवण 3 प्रतिशत, अम्ल 1.2 प्रतिशत, राख 2.3 प्रतिशत और जल 20.8 प्रतिशत होता है। इसके अलावा प्रति 100 ग्राम अंजीर में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लोहा, विटामिन,थोड़ी मात्रा में चूना, पोटैशियम, सोडियम, गंधक, फास्फोरिक एसिड और गोंद भी पाया जाता है।
घरेलू उपचार में ऐसा माना जाता है कि स्थाई रुप से रहने वाली कब्ज़ अंजीर खाने से दूर हो जाती है। गैस और एसीडिटी से भी राहत मिलती है।साधारण कब्ज में गरम दूध में सूखे अंजीर उबाल कर सेवन सुबह दस्त साफ होता है। इससे कफ बाहर आ जाता है। सूखे अंजीर को उबाल कर बारीक़ पीस कर अगर गले की सुजन या गांठ पर बांधी जाए तो लाभ पहुंचता है। ताजे अंजीर खा कर साथ दूध का सेवन करना शक्तिवर्धक होता है। डायबिटीज के रोगी को अंजीर से लाभ पहुंचता है। खून की खराबी में सूखे अंजीर को दूध और मिश्री के साथ लगातार हफ्ते भर सेवन करने से लाभ होता है। अंजीर खाकर ऊपर से दूध पीना अत्यंत शक्तिवर्धक एवं वीर्यवर्धक होता है। खून की खराबी में सूखे अंजीर को दूध एवं मिश्री के साथ लगातार एक सप्ताह सेवन करने से खून के विकार नष्ट हो जाते हैं। मधुमेह रोग में अन्य फलों की तुलना में अंजीर का सेवन विशेष लाभकारी होता है। किसी प्रकार का बाह्य पदार्थ यदि पेट में चला जाए तो उसे निकालने के लिए अंजीर को अधिक मात्रा में सेवन करना उपयोगी होता है। अस्थमा की बीमारी में प्रात:काल सूखे अंजीर का सेवन पथ्यकारी है।
अस्थमा की बीमारी में रोज सुबह सूखे अंजीर का प्रयोग लाभ देता है। अंजीर कफ को जमने से भी रोकता है। किसी भी प्रकार के बुखार विशेषकर पेट की खराबी से होने वाले बिखर में अंजीर का सेवन लाभदायक होता हैं। यह भी बताना हितकर होगा की किसी भी औषधि का सेवन वैद्य के मार्गदर्शन में ही करना लाभप्रद होता है। बिना जानकारी के स्वयं प्रयोग अहितकारी होता है। अंजीर में कैल्शियम बहुत होता है, जो हड्डियों को मजबूत करने में सहायक होता है। कम पोटैशियम और अधिक सोडियम लेवल के कारण हाइपरटेंशनकी समस्या पैदा हो जाती है। अंजीर में पोटैशियम ज्यादा होता है और सोडियम कम होता है इसलिए यह हाइपरटेंशन की समस्या होने से बचाता है।दो अंजीर को बीच से आधा काटकर एक ग्लास पानी में रात भर के लिए भिगो दें सुबह उसका पानी पीने से अंजीर खाने से रक्त संचार बढ़ता है।
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अंजीर एक स्वादिष्ट, स्वास्थ्यवर्धक और बहुपयोगी फल है। इसके पके फल को लोग खाते हैं। सुखाया फल मेवे के रुप में बिकता है। सूखे फल को टुकड़े-टुकड़े करके या पीसकर दूध और चीनी के साथ खाया जाता है। इसका स्वादिष्ट जैम (फल के टुकड़ों का मुरब्बा) भी बनाया जाता है। सूखे फल में चीनी की मात्रा लगभग ६२ प्रतिशत तथा ताजे पके फल में २२ प्रतिशत होती है। इसमें कैल्सियम तथा विटामिन 'ए' और 'बी' काफी मात्रा में पाए जाते हैं। अंजीर के सेवन से कब्‍ज दूर होती है। मन प्रसन्न रहता है और कमजोरी दूर होती है। साथ ही खांसी का भी नाश होता है।
अंजीर में कार्बोहाइड्रेट 63 प्रतिशत, प्रोटीन 5.5 प्रतिशत, सेल्यूलोज 7.3 प्रतिशत, चिकनाई एक प्रतिशत, मिनरल सोल्ट 3 प्रतिशत, एसिड 1.2 प्रतिशत, राख 2.3 प्रतिशत और पानी 20.8 प्रतिशत होता है। इसके अलावा प्रति 100 ग्राम अंजीर में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग आयरन, विटामिन, थोड़ी मात्रा में चूना, पोटैशियम, सोडियम, गंधक, फास्फोरिक एसिड और गोंद भी पाया जाता है। आइए हम आप को बताते है कि अंजीर के सेवन से क्या-क्या फायदे हो सकते है।
1. एनीमिया- अंजीर में आयरन और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाए जाने के कारण यह एनीमिया में लाभप्रद होता है। 10 मुनक्के और 8 अंजीर 200 मिलीलीटर दूध में उबालकर पी लें। इससे रक्त में वृद्धि और रक्त सम्बन्धी विकार दूर हो जाते है।

2. कब्ज- 3 से 4 पके अंजीर दूध में उबालकर रात को सोने से पहले खाएं। और उसके बाद वही दूध पी लें। इससे कब्ज में लाभ होता है या 4 अंजीर को रात को सोते समय पानी में डालकर रख दें। सुबह थोड़ा सा मसलकर पानी पीने से कब्ज दूर हो जाती है।

3. अस्थमा- अस्थमा की बीमारी में अंजीर के पत्‍तों से राहत मिलती है। जो लोग इंसुलिन लेते हैं उनके लिये यह बहुत लाभकारी होता है। इसमें पोटैशियम की मात्रा अच्‍छी होती है जिससे ब्‍लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
4. जुकाम- पानी में 5 अंजीर को डालकर उबाल लें और इस पानी को छानकर गर्म-गर्म सुबह और शाम को पीने से जुकाम में लाभ होता है।
5. ताकत को बढ़ाने वाला- सूखे अंजीर के टुकड़े और छिले हुए बादाम को गर्म पानी में उबालें। इसे सुखाकर इसमें दानेदार शक्कर, पिसी इलायची, केसर, चिरौंजी, पिस्ता और बादाम बराबर मात्रा में मिलाकर 7 दिन तक गाय के घी में पड़ा रहने दें। रोजाना सुबह 20 ग्राम तक सेवन करें। इससे आपकी ताकत बढती है।
6. सिरदर्द- सिरके या पानी में अंजीर के पेड़ की छाल की भस्म बनाकर सिर पर लेप करने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
7. बवासीर- 3-4 सूखे अंजीर को शाम के समय पानी में डालकर रख दें। सुबह अंजीरों को मसलकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट खाने से बवासीर दूर होती है।
8. कमर दर्द- अंजीर की छाल, सोंठ, धनियां सब बराबर लें और कूटकर रात को पानी में भिगो दें। सुबह इसके बचे रस को छानकर पिला दें। इससे कमर दर्द में लाभ होता है।
9. हड्डियों को मजबूत- अंजीर में कैल्शियम बहुत होता है, जो हड्डियों को मजबूत करने में सहायक होता है। आपको बस केवल दिन भर में 4-5 अंजीर खाना होगा और फिर इससे लाभ हो जाएगा।

कैसे रहें हमेशा कैसे रहें हमेशा चुस्‍त-दुरुस्‍त और हेल्‍दी


क्या आप बेहतर रूप से स्वस्थ होना चाहते हैं? आज कल हर कोई स्‍वस्‍थ्‍य 
रहना चाहता है मगर काम का इतना बोझ और हमारी खराब दिनचर्या ने 
हमें अपना गुलाम बना रखा है। आज कल बच्‍चों को इतनी बीमारियां होने 
लगी हैं उतनी तो शयद बूढों को भी नहीं होती होगी। अगर आप स्‍वस्‍थ्‍य 
दिनचर्या अपनाएंगे तो आपकी लाइफ जरुर बदल जाएगी।
लाइफ को अगर सुंदर बनाना है तो इसे केवल साधारण क्रमिक बदलावों से 
हासिल किया जा सकता है। इस लेख में सुझाये गये उपायों को अपनाने पर 
आपको कई फायदे हो सकते हैं जैसे कि कई प्रकार के कैंसर और बीमारियों 
को कम कर सकते हैं, सम्भवतः एक चुस्त और छरहरा शरीर, और लम्बा 
तथा खुशहाल जीवन प्राप्त करने के लिये इन सुझावों को अपनाइये।


लाइफ को अगर सुंदर बनाना है तो इसे केवल साधारण क्रमिक 

बदलावों से हासिल किया जा सकता है। 


इस लेख में सुझाये गये उपायों को अपनाने पर आपको कई फायदे हो 

सकते हैं जैसे कि कई प्रकार के 


कैंसर और बीमारियों को कम कर सकते हैं, सम्भवतः एक चुस्त और 

छरहरा शरीर, और लम्बा तथा 


खुशहाल जीवन प्राप्त करने के लिये इन सुझावों को अपनाइये। 1. खूब 


सोयें शरीर को स्वस्थ बनाये 

रखने के लिये आपको प्रतिदिन 8-10 घण्टे अवश्य सोना चाहिये। 

इसप्रकार आप जागृत और चौकन्ने 

रहेंगें जिससे आपको कैफीन और शर्करा युक्त पेय पदार्थों का सेवन नहीं 

करना पड़ेगा। 2. खूब मुस्कुराइये 

और हँसिये मुस्कुराने से आपका चेहरा काँतिमय और जवान दिखता है। 

वैज्ञानिकों द्वारा अब यह 


प्रमाणित किया जा चुका है कि ज्यादा हँसने से आप बेहतर स्वास्थ्य पा सकते हैं। 3.मन को शांत रखें 

किसी भी बात को बहुत गम्भीरता से न लें! आराम से लेट कर खुले 

दिमाग से नये आयामों के बारे में 


सोचें। उदाहरण के लिये नई संस्कृतियों के बारे में। 4. खूब फल और सब्जियाँ खाएं ज्यादा फल और 

सब्जियों का सेवन करें। फल और सब्जियाँ सन्तुलित आहार के आवश्यक अवयव हैं। इनका सेवन 

लगभग 5-9 बार में करें।

Wednesday, 30 April 2014

पेट की गैस को ठीक करने के उपाय

GAS

PROBLEMS

SOLUTIONS


मानसिक तनावअशांतिभयचिंताक्रोध के कारण पाचन अंगों के आवश्यक पाचक रसों का स्राव कम हो जाता हैजिससे अज्रीर्ण(Indigestion) की तकलीफ हो जाती है और अज्रीर्ण का विकृत रूप गैस कि बिमारी पैदा कर देता है। 

भोजन में मूंगचनामटरअरहरआलूसेमचावलतथा तेज मिर्च मसाले युक्त आहार अधिक मात्रा में सेवन न करें! शीर्घ पचने वाले आहार जैसे सब्जियांखिचड़ी, चोकर सहित बनी आटें कि रोटीदूधतोरईकद्दूपालक,टिंडाशलजमअदरकआवंलानींबू आदि का सेवन अधिक करना चाहिए।

भोजन खूब चबा चबा कर आराम से करना चाहिए! बीच बीच में अधिक पानी ना पिएं! भोजन के दो घंटे के बाद से गिलास पानी पिएं। दोनों समय के भोजन के बीच हल्का नाश्ता फल आदि अवश्य खाएं। 

तेल गरिष्ठ भोजन से परहेज करें! भोजन सादासात्त्विक और प्राक्रतिक अवस्था में सेवन करने कि कोशिश करें। 

दिन भर में से 10 गिलास पानी का सेवन अवश्य करें।

प्रतिदिन कोई न कोई व्यायाम करने कि आदत जरुर बनाएं! शाम को घूमने जाएं! पेट के आसन से व्यायाम का पूरा लाभ मिलता है। प्राणयाम करने से भी पेट की गैस की तकलीफ दूर हो जाती है।

शराबचायकॉफीतम्बाकूगुटखाजैसे व्यसन से बचें। 

प्राक्रतिक वेगों को रोके रखने कि आदत को छोड़ें जैसे मूत्र या मल। 
दिन में सोना छोड़ दें और रात को मानसिक परिश्रम से बचें|

एक चम्मच अजवाइन के साथ चुटकी भर काला नमक भोजन के बाद चबाकर खाने से पेट कि गैस शीर्घ ही निकल जाती है|

अदरक और नींबू का रस एक एक चम्मच कि मात्रा में लेकर थोड़ा सा नमक मिलकर भोजन के बाद दोनों समय सेवन करने से गैस कि सारी तकलीफें दूर हो जाती हैं और भोजन भो हजम हो जाता है!
भोजन करते समय बीच बीच में लहसुनहिंगथोड़ी थोड़ी मात्रा में खाते रहने से गैस कि तकलीफ नहीं होती|

हरडसोंठ का चूर्ण आधा आधा चम्मच कि मात्रा में लेकर उसमे थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर भोजन के बाद पानी से सेवन करने से पाचन ठीक प्रकार से होता है और गैस नहीं बनती!

नींबू का रस लेने से गैस कि तकलीफ नहीं होती और पाचन क्रिया सुधरती है !