Sunday, 4 May 2014

हींग

हींग





हींग और गुड़ का असरदार ये प्रयोग कर देगा गैस और एसीडिटी की छुट्टी  कहते हैं अगर हींग का सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह कई बीमारियों की दुश्मन है। वैद्यों का मानना है कि हींग को हमेशा भूनकर उपयोग में लाना चाहिए।    


-एक कप गर्म पानी में एक चम्मच हींग का पाउडर घोलें। इस घोल में सूती कपड़े को भिगोकर पेट के उस हिस्से की सिकाई करें जहां दर्द हो रहा है। थोड़ी ही देर में दर्द से राहत मिलेगी।
   
 - हींग में जरा सा कपूर मिलाकर दर्द वाले स्थान पर लगाने से दांत दर्द बंद हो जाता है । 

   
- भुनी हुई हींग , काली मिर्च ,पीपल काला नमक समान मात्रा में लेकर पीस लें। रोजाना चौथाई चम्मच यह चूर्ण गर्म पानी से सेवन करें।

 पेट से जुड़ी सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी।  


  - एक ग्राम हींग ,पीसी हुई दस काली मिर्च ,दस ग्राम गुड में सबको मिलाकर सुबह शाम खाएं।
  - पांच ग्राम भुनी हुई हींग, चार चम्मच अजवाइन, दस मुनक्का, थोड़ा काला नमक सबको कूट पीसकर चौथाई चममच तीन बार नित्य लेने से ,उल्टी होना ,जी मिचलाना ठीक हो जाता है।    
- अदरक की गांठ में छेद करके इसमें जरा सा हींग डालकर काला नमक भर कर ,खाने वाले पान के पत्ते में लपेटकर धागा बांध कर गीली मिटटी का लेप कर दें।
 इसे आग में डाल कर जला लें ,जल जाने पर पीसकर मूंगफली के दाने के बराबर आकार की गोलियां बना लें।
 एक एक गोली दिन में चार बार चूसें। पेट की प्राब्लम्स में जल्द ही आराम मिलेगा।    
- पैर फटने पर नीम के तेल में हींग डालकर लगाने से आराम मिलता है।   
 - थोड़ी सी हींग को गुड़ में लपेटकर गरम पानी से लें। 
गैस व एसीडिटी का पेट दर्द ठीक हो जायेगा।    
- दांत दर्द में अफीम और हींग का फाहा रखें तो आराम मिलता है।   
 - हींग को पानी में घोलकर लेप बनाकर उस पर लगाने से चर्म रोग में आराम मिलता है।
  आयुर्वेदिक टिप्स: 
ऐसे दिन शुरू करेंगे तो ठंड से बचे रहेंगे  क्या बच्चे क्या जवान और बुजुर्ग,....ठण्ड सभी की दिनचर्या को थोड़ा बहुत तो प्रभावित तो करती ही है! आइये हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताते हैं जिनसे ठण्ड में आप रोगों से बच सकेंगे।  
-दिन की शुरुआत शहद और काली मिर्च के इस मिश्रण  से करें : सात काली मिर्च के दानों को पीसकर एक चम्मच शहद  के साथ 108 बार घडी की सुई की दिशा में घुमाएं और लें .....। 
 -इस मिश्रण को लेने के बाद  आधी कली लहसुन को गुनगुने पानी के साथ चबाकर निगल लें। 
 -दिन में तीन से चार बार निम्न घरेलु द्रव्यों से बनी चाय को लें :-मेथी एक चम्मच,सात काली मिर्च औए एक चम्मच ताजा कुटा हुआ अदरख इन सबको दो कप पानी में उबाल लें और एक कप रहने पर अपनी आवश्यकता अनुसार शक्कर मिलाकर चाय बनाकर लें। 
 - जाड़ों में जितना हो सके भोजन नियमित अंतराल पर लें ,लेकिन खट्टे,एवं ठंडी तासीर वाले चीजों को लेने से परहेज करें।  -सिगड़ी या हीटर  को अपने नजदीक रखें,इसकी ताप आपको ठण्ड से बचाएगी । 
 -शरीर को जहां तक हो सके कपड़ों से पूरा ढककर रखें। 
 - इस ऋतु में कफ का संचय होता है, जो एक स्वाभाविक प्रक्रिया है अत: संचित दोष को साम्य में रखने हेतु व्यायाम,वमन,कुंजल आदि क्रियाएं आगे आनेवाली वसंत ऋतु में आपको कफ  के प्रकोप से होने वाली बीमारियों से बचाएगी।

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