Wednesday, 23 April 2014

भिंडी के पोषण तथ्य

भिंडी के पोषण तथ्य 

भिंड़ी एक कुसुमित पौधा है जो दुनिया के कई हिस्सों में “लेड़िज फिंगर या भिंड़ी” के रुप में जाना जाता है, और अपनी फली के कारण बहुत महंगी हैं। इसे अक्सर कैरिबियन से लेकर चीन तक के व्यंजनों में उपयोग किया जाता है और इसकी लोकप्रियता हर समय बढ़ती जा रही है, खासकर जब से इस सब्जी का इस्तेमाल अचार के रुप में, साइड़ ड़िश या सूप की एक सामग्री के तौर पर किया जा सकता है, इसे इसके तेल के लिए भी उपयोग किया जाता है जिसे निकाला जा सकता है तथा भिंड़ी के तेल के रुप में इस्तेमाल किया जाता है। भिंड़ी के अनेक स्वास्थ्यवर्द्धक लाभों के कारण इसके वैकल्पिक उपयोग बहुत सारे हैं, लेकिन कई सारे स्वास्थ्यवर्द्धक लाभ इस सब्जी में मौजूद खनिज, विटामिन, और कार्बनिक यौगिकों के कारण हैं।



भले ही भिंड़ी बगीचे में उगाई जाने वाली एक पारंपरिक सब्जी ना हो लेकिन यह विटामिन और खनिजों सहित विटामिन ए, बी, सी, ई और के एवं कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, पोटेशियम, और जस्ता से समृद्ध है। इसके अलावा, भिंडी में उच्च स्तर का लसदार फाइबर होता है।

1 स्वस्थ पाचन:

अपने आहार में भिंड़ी को शामिल करने का मुख्य कारण है इससे आपके कुल फाईबर सेवन में होने वाली उल्लेखनीय वृद्धि। भिंड़ी में पाया जाने वाला लसदार फाइबर अधिकांश भोजन को आपके पाचन तंत्र के माध्यम से स्थानांतरित करने में मदद करता है। अर्थात मल त्याग अधिक नियमित होंगो और पेट की फुलन, दर्द, कब्ज और अधिक गैस जैसी जठरांत्र समस्याएं कम हो जाएंगी। इसमें ढेर सारा पानी होने के कारण दस्त लगने से रोकता है। अंत में, फाइबर शरीर में अधिक मात्रा में मौजूद कोलेस्ट्रॉल को भी बाहर निकालने में मदद करता है।

2 नेत्र दृष्टि को तेज करता है:


 भिंडी में बहुत ही उच्च मात्रा में विटामिन ए एवं बीटा, कैरोटीन, जेनथेन, और लुटिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट मौजूद हैं। एंटीऑक्सीडेंट शक्तिशाली यौगिक हैं जो मुक्त कणों को नष्ट या बेअसर करते हैं जोकि सेलुलर चयापचय के खतरनाक प्रतिफल हैं। मुक्त कण शरीर में कोशिकाओं को हानि पहुंचाने के लिए जिम्मेदार हैं, साथ ही नत्रहीनता के लिए भी जिम्मेदार हैं। अपने आहार में अधिक मात्रा में भिंड़ी की सब्जी को शामिल करने से आपकी नजर तो तेज होगी ही साथ ही आख की मैक्यूला के व्यपजनन और मोतियाबिंद से भी बचाएगा।


3 स्वस्थ त्वचा: 


शीघ्र उपचारात्मकता, दागों तथा मुंहासों के निशानों को कम कर एवं झुर्रियों को दूर भगाते हुए विटामिन ए एंटीऑक्सिडेंट त्वचा के स्वास्थ्य की रक्षा करने में समर्थ हैं। यह इसलिए क्योंकि एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कणों को बेअसर करने में सक्षम हैं जिन्होंने शायद त्वचा कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त कर दिया हो।

4 प्रतिरक्षा प्रणाली: 

भिंड़ी के विभिन्न एंटीऑक्सीडेंट अंश मुक्त कणों से लड़ने में मदद करते हैं, साथ ही इसमें उच्च मात्रा में मौजूद विटामिन सी सामान्य प्रतिरक्षा प्रणाली को बलशाली बनाता है। विटामिन सी अधिक सफेद रक्त कोशिकाओं को बनाने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्तेजित कर सकता है, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर बनाने वाले अन्य विदेशी रोगजनकों और बीमारियों से लड़ सकते हैं।

5 रक्तचाप और हृदय का स्वास्थ्य: 

भिंडी पोटेशियम सहित विटामिन और खनिज दोनों का एक अच्छा स्रोत है, जो मानव स्वास्थ्य का एक अनिवार्य पहलू है। पोटेशियम शरीर में उचित द्रव संतुलन को बनाए रखने के लिए आवश्यक है क्योंकि यह सोडियम को संतुलित रखता है। इसके अलावा, पोटेशियम रक्त वाहिकाओं और धमनियों को तनाव मुक्त रहने में मदद करता है, अतः यह रक्तचाप को कम करता है और हृदय प्रणाली पर से तनाव को भी कम करता है। अर्थात् आतंचन और धमनीकलाकाठिन्य बहुत हद तक कम हो जाएंगे।

6 अंतिम चेतावनी: 

भिंड़ी में उच्च मात्रा में मौजूद ओजलेट से आपको सतर्क रहने की जरुरत है। ओजलेट गुर्दे और पित्तपत्थरियों के खतरे को बढा सकता है तथा पहले से मौजूद पत्थरियों को और विकसित कर सकता है। भूनी हुई भिंड़ी की सब्जी आपके दिन के कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को तथा खतरनाक रुप से शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकती है, इसलिए अगर आप अपने शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखना चाहते हैं तो इसे कोई अन्य तरीके से पकाएं। इन बातों के अलावा, अपने अन्य पसंदीदी व्यंजनों के साथ भिंड़ी का आनंद उठाएं या दुनिया भर से कुछ नए मनोरम आहार विकल्पों को खोजें!

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