*आयुर्वेद के अनुसार *आयुर्वेद के अनुसार खीरा स्वादिष्ट, शीतल, प्यास, दाहपित्त तथा रक्तपित्त दूर करने वाला रक्त विकार नाशक है।खीरा व ककड़ी एक ही प्रजाति के फल हैं। खीरे में विटामिन बी व सी, पोटेशियम, फास्फोरस, आयरन आदि विद्यमान होते हैं।
* पेट की गैस, एसिडिटी, छाती की जलन में नियमित रूप से खीरा खाना लाभप्रद होता है।
* जो लोग मोटापे से परेशान रहते हैं उन्हें सवेरे इसका सेवन करना चाहिये। इससे वे पूरे दिन अपने आपको फ्रेश महसूस करेंगे। खीरा हमरी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
* खीरे को भोजन में सलाद के रूप में अवश्य लेना चाहिये। नमक, काली मिर्च व नींबू डालकर खाने से भोजन आसानी से पचता है व भूख भी बढ़ती है।
* घुटनों के दर्द को भी दूर भगाता है खीरे का सेवन। घुटनों के दर्द वाले व्यक्ति को खीरे अधिक खाने चाहिये तथा साथ में एक लहसुन की कली भी खा लेनी चाहिये।
* पथरी के रोगी को खीरे का रस दिन में दो-तीन बार जरूर पीना चाहिये। इससे पेशाब में होने वाली जलन व रुकावट दूर होती हैं।
सेहत के लिए गुणकारी :
खीरा रक्तचाप को भी काबू में रखने में कारगार है। इसमें मौजूद पोटेशियम ज्यादा और कम दोनों तरह के रक्तचाप को नियंत्रित रखता है।
अगर आपके नाखून बार- बार टूट जाते हैं तो आज ही खीरे का सेवन शुरू करें, यह आपके नाखूनों को मजबूती देता है।
गैस की समस्या में भी खीरा बेहद लाभदायक होता है।
अगर आप किडनी या लीवर की समस्या से परेशान हैं तो खीरे का नियमित रूप से सेवन करने से आपके बालों को भी फायदा होगा।
अपने बालों का सेहतमंद रखने के लिए खीरे के जूस का सेवन करें। इसके नियमित इस्तेमाल से बाल लंबे और घने होते हैं। दांतों और मसूढ़े से जुड़ी समस्या और पायरिया जैसे रोग में भी खीरा फायदेमंद है।
खीरे का उपयोग करते समय कुछ सावधानियां भी बरतें जैसे :-
खीरा कभी भी बासी न खाएं।
खीरा कभी भी बासी न खाएं।
जब भी खीरा खरीदें यह जरूर देख लें कि वह कहीं से गला हुआ न हो।
खीरे का सेवन रात में न करें। जहां तक हो सके, दिन में ही इसे खाये।
खीरे के सेवन के तुरंत बाद पानी न पियें।
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