Thursday 10 April 2014

गुस्‍से को काबू करने के लिए अपनायें ये उपाय

गुस्‍सा मानवीय स्‍वभाव का हिस्‍सा है। समय-समय पर व्‍यक्ति अपनी इस भावना का इजहार करता रहता है। लेकिन, अपनी सीमायें तोड़ते ही गुस्‍सा विनाशकारी हो जाता है। कहते हैं न, 'एक पल का क्रोध आपका भविष्‍य बिगाड़ सकता है'। अधिक गुस्‍से से कई समस्‍यायें हो सकती हैं। क्रोध से आपके व्‍यावसायिक और निजी जीवन पर बुरा असर पड़ता है। इतना ही नहीं इससे आपके जीवन की गुणवत्‍ता भी कम हो जाती है। आपका स्वयं पर नियंत्रण नहीं रह जाता और आप महज एक भावना के दास होकर रह जाते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है कि इस समस्‍या को काबू ही नहीं किया जा सकता। तो, इससे पहले कि गुस्‍से आपके जीवन को बर्बाद करना शुरू करे, आपको चाहिए कि इस पर काबू पाने की कला सीखें-

गहरी सांस लें

जब भी आप किसी ऐसी परिस्थिति में फंस जाएं, जहां आपको चिढ़ होने लगे, तो सबसे पहले गहरी सांस लें। ऐसा करने के पीछे गहरा वैज्ञानिक आधार मौजूद है। जब आप गहरी सांस लेते हैं, तो मस्तिष्‍क में स्थित वेगस नर्व शरीर को संकेत देती है कि वह मांसपेशियों को ढीला छोड़े और शांत हो जाए। बेहतर परिणाम के लिए आपको चाहिए कि आप कम से कम दो-तीन बार गहरी सांस लें। गहरी सांस लेने के साथ ही आप दस तक गिनती भी गिन सकते हैं।
गुस्‍सा मानवीय स्‍वभाव का हिस्‍सा है। समय-समय पर व्‍यक्ति अपनी इस भावना का इजहार करता रहता है। लेकिन, अपनी सीमायें तोड़ते ही गुस्‍सा विनाशकारी हो जाता है। कहते हैं न, 'एक पल का क्रोध आपका भविष्‍य बिगाड़ सकता है'। अधिक गुस्‍से से कई समस्‍यायें हो सकती हैं। क्रोध से आपके व्‍यावसायिक और निजी जीवन पर बुरा असर पड़ता है। इतना ही नहीं इससे आपके जीवन की गुणवत्‍ता भी कम हो जाती है। आपका स्वयं पर नियंत्रण नहीं रह जाता और आप महज एक भावना के दास होकर रह जाते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है कि इस समस्‍या को काबू ही नहीं किया जा सकता। तो, इससे पहले कि गुस्‍से आपके जीवन को बर्बाद करना शुरू करे, आपको चाहिए कि इस पर काबू पाने की कला सीखें-

गहरी सांस लें

जब भी आप किसी ऐसी परिस्थिति में फंस जाएं, जहां आपको चिढ़ होने लगे, तो सबसे पहले गहरी सांस लें। ऐसा करने के पीछे गहरा वैज्ञानिक आधार मौजूद है। जब आप गहरी सांस लेते हैं, तो मस्तिष्‍क में स्थित वेगस नर्व शरीर को संकेत देती है कि वह मांसपेशियों को ढीला छोड़े और शांत हो जाए। बेहतर परिणाम के लिए आपको चाहिए कि आप कम से कम दो-तीन बार गहरी सांस लें। गहरी सांस लेने के साथ ही आप दस तक गिनती भी गिन सकते हैं।
गुस्‍सा मानवीय स्‍वभाव का हिस्‍सा है। समय-समय पर व्‍यक्ति अपनी इस भावना का इजहार करता रहता है। लेकिन, अपनी सीमायें तोड़ते ही गुस्‍सा विनाशकारी हो जाता है। कहते हैं न, 'एक पल का क्रोध आपका भविष्‍य बिगाड़ सकता है'। अधिक गुस्‍से से कई समस्‍यायें हो सकती हैं। क्रोध से आपके व्‍यावसायिक और निजी जीवन पर बुरा असर पड़ता है। इतना ही नहीं इससे आपके जीवन की गुणवत्‍ता भी कम हो जाती है। आपका स्वयं पर नियंत्रण नहीं रह जाता और आप महज एक भावना के दास होकर रह जाते हैं। लेकिन, ऐसा नहीं है कि इस समस्‍या को काबू ही नहीं किया जा सकता। तो, इससे पहले कि गुस्‍से आपके जीवन को बर्बाद करना शुरू करे, आपको चाहिए कि इस पर काबू पाने की कला सीखें-

गहरी सांस लें

जब भी आप किसी ऐसी परिस्थिति में फंस जाएं, जहां आपको चिढ़ होने लगे, तो सबसे पहले गहरी सांस लें। ऐसा करने के पीछे गहरा वैज्ञानिक आधार मौजूद है। जब आप गहरी सांस लेते हैं, तो मस्तिष्‍क में स्थित वेगस नर्व शरीर को संकेत देती है कि वह मांसपेशियों को ढीला छोड़े और शांत हो जाए। बेहतर परिणाम के लिए आपको चाहिए कि आप कम से कम दो-तीन बार गहरी सांस लें। गहरी सांस लेने के साथ ही आप दस तक गिनती भी गिन सकते हैं।   

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